Patna: देश एक बार फिर बिहारी प्रतिभा का लोहा मान रही है। क्योंकि एक बार फिर एक बिहारी युवा ने ऐप की दुनिया में परचम लहरा कर साबित कर दिया है कि बिहारी हर क्षेत्र में हमेशा दो कदम आगे ही रहते हैं। आपको बता दें कि बेगूसराय के अनुराग ने प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत इनिशिएटिव के तहत ऐप इनोवेशन चैलेंज में पहला स्थान हासिल किया है। अनुराग को सबसे अच्छा और उपयोगी मोबाइल एप्लिकेशन बनाने के लिए ये स्थान मिला है।
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनुराग और उनके दो दोस्तों द्वारा बनाए गए ऐप ‘कैप्शन प्लस’ को ऐप इनोवेशन चैलेंज के एंटरटेनमेंट केटेगरी में पहला स्थान मिला है। डाटा सिक्योरिटी, गोपनीयता, यूजर फ्रेंडली जैसे कई मानकों पर खरे इस इस ऐप को पूरे भारत में नंबर-1 एंटरटेनमेंट एप करार दिया गया है। प्रतियोगिता में जीत के बाद पुरस्कार के रूप में 20 लाख रुपए, सर्टिफिकेट और ट्रॉफी दी गई है। इधर, अनुराग की इस सफलता से उनके परिजन काफी खुश हैं।
12 हजार से अधिक युवाओं ने लिया था हिस्सा
बता दें, इस प्रतियोगिता में देशभर से 12 हजार से अधिक युवाओं ने भाग लिया था। इसमें आठ हजार युवाओं ने मोबाइल एप्लिकेशन बनाया था। सात अगस्त को प्रतियोगिता का रिजल्ट जारी किया गया है। इसके लिए अनुराग को 20 लाख रुपये का पुरस्कार मिला है। 27 वर्षीय अनुराग आईआईटी दिल्ली से एग्जक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम की पढ़ाई की है। इनके पिता भी इंजीनियर हैं। फिलहाल वो दिल्ली में फैब्रेंटो कंपनी में CTO के पद पर कार्यरत हैं।
सोशल मीडिया यूजर्स के लिए अच्छा विकल्प है ये ऐप
बता दें कि ‘कैप्शन प्लस’ ऐप वैसे सोशल मीडिया यूजर के लिए एक बहुत अच्छा विकल्प है, जो सोशल मीडिया पर खूब फ़ोटो शेयर करते हैं। ‘कैप्शन प्लस’ ऐप उनके काम को आसान कर देता है। इस ऐप पर फ़ोटो डालने के बाद ऐप ऑटोमैटिकली फ़ोटो के संबंधित कैप्शन शो करने लगता है, जिसे यूजर अपने फोटो के साथ पोस्ट कर सकते हैं। यह ऐप कैप्शन लिखने के लिए जो माथापच्ची करनी पड़ती है, उसे खत्म कर देता है। या ऐसे कहे कि इस ऐप के जरिए सोशलसाइट या यूट्यूब पर कौन से पोस्ट या विडियो पर कौन सा कैप्शन और हैशटैग चाहिए, यह खुद ब खुद कैप्शन और हैशटैग लगा देता है।
अनुराग ने बताया कि, “कैप्शन प्लस एक ऐसा ऐप है जो लोगों के कैप्शन लिखने के सिरदर्द को खत्म करता है। साथ ही यह ऐप उन लेखकों के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म है जो बहुत ज्यादा फेमस नहीं हैं। इस ऐप पर वो कैप्शन लिखते हैं और जब कोई उनके कैप्शन को शेयर करता है तो उन्हें क्रेडिट जाता है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनकी लोकप्रियता बढ़ती है।”
ऐप सिक्योरिटी को लेकर उन्होंने बताया कि, “ऐप पर यूजर का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है। जब तक कोई यूजर ऐप यूज करता है तो उसका डेटा बैकअप होता जाता है। वहीं, जब वह ऐप अनइंस्टॉल कर देता है तो 30 दिनों के बाद उसका डेटा खुद डिलीट हो जाता है।”
अन्य ऐप बनाने के संबंध में उन्होंने बताया कि एक वर्किंग प्रोफ़ेशनल होने की वजह से बहुत ज्यादा समय नहीं मिल पाता, इसलिए नया ऐप बनाने का अभी कोई प्लान नहीं है। अभी फिलहाल हम कैप्शन प्लस को ही डेवलप करने की सोच रहे हैं। हमारा मकसद है कि ऐप पर हम सभी आंचलिक भाषाओं में भी कैप्शन का ऑप्शन उपलब्ध कराएं। साथ ही फ्रेंच, स्पेनिश समेत अन्य भाषाओं में भी कैप्शन का ऑप्शन उपलब्ध कराएं। अभी केवल इंग्लिश और हिंदी ऑप्शन है।
बता दें कि दुनिया के हर कोने के लोग कैप्शन प्लस ऐप का इस्तेमाल करते हैं। कैप्शन प्लस के लगभग 22 लाख यूजर्स हैं और यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर कैप्शन ऐप की श्रेणी में प्रथम स्थान पर है। अनुराग अपनी सफलता का श्रेय अपने माता, पिता, बहन एवं दोस्त को देते हैं। उनका सपना है कि वो भारत को पूरी दुनिया के ऐप मार्केट में अग्रणी स्थान दिलाएं।
जानकारी के अनुसार, इससे पहले भी अनुराग भारत सरकार के गुड गवर्नेंस आईडिया कॉम्पिटिशन में अव्वल आ चुके हैं। अनुराग कुवालालंमपुर में आयोजित ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप बूट कैम्प में भी पूरी दुनिया से 200 चुनिंदा इनोवेटर में चयनित हो चुके हैं।
हमारा बिहार टीम