बेगूसराय: बिहार में फ़िल्म निर्माण पर सब्सिडी दिए जाने के बिहार के नीतीश कुमार सरकार के फैसले के बाद बिहारी प्रतिभाओं को मुंबई में धक्के खाने की ज़रुरत नहीं है। यदि फिल्मकारों एवम कलाकारों की ओर से सामुहिक रूप से सार्थक पहल की जाय तो बिहार में भी बड़े फ़िल्म उद्योग को स्थापित किया जा सकता है। ये बातें बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष सह दर्जनभर हिंदी, भोजपुरी एवम मैथिली फिल्मों के चर्चित अभिनेता अमित कश्यप ने विभूतिपुर प्रखंड के सिंघिया बाजार स्थित फिल्मकार हरिश्चन्द्र मिश्रा उर्फ के. हरीश के आवास पर शनिवार को कही।
अपनी हिंदी फीचर फिल्म चौहर से देशभर में सुर्खियां बटोर चुके अभिनेता कश्यप ने कहा कि पिछले एक दशक से हमारी संस्था बिहार में फिल्मसिटी के लिए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चला रही थी जिसके फलस्वरूप सरकार ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बिहार के सिनेमा क्षेत्र से जुड़े कलाकारों की बहुत बड़ी सफलता है किंतु हमलोग सब्सिडी के पचास प्रतिशत तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
वरिष्ठ साहित्यकार सह संस्था के समस्तीपुर ज़िले के मुख्य संरक्षक चांद मुसाफ़िर ने बिहार में सिनेमा के विकास में एसोसिएशन की भूमिका की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए सरकार के फैसले का स्वागत किया और इसे मील का पत्थर बताया। उक्त अवसर पर चांद मुसाफ़िर एवम अमित कश्यप द्वारा के.हरीश को संस्था का संरक्षक मनोनीत किया गया।
के.हरीश ने कहा कि समस्तीपुर और बिहार में बाहर के फिल्मकारों को भी शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किये जाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने आगत अतिथियों को “बुके नहीं बुक दीजिये अभियान” के तहत “दोषमुक्ता” पुस्तक भेँट कर स्वागत किया। मौके पर उच्च विद्यालय बागवाड़ा के सेवानिवृत्त प्रधान बासुकी नाथ सिंह, युवा सामाजिक कार्यकर्ता सरोज कुमार चौधरी, राष्ट्रकवि दिनकर फिल्मसिटी के राकेश महंथ, संस्था के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार दीपक आदि थे।
टीम हमारा बिहार