Rohtas: बिहार के रोहतास जिले अपने किलाओं के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। यहां के प्रचीन दुर्ग भारत के ऐतिहासिक दुर्गों में से एक है। साथ ही इस किले के बारे में कई कहानियां है। लोग कहते हैं कि इस किले से आज भी आवाज आती है, लोगों का तो यहां तक कहना है कि इस किले की दीवारों से खून भी टपकता है।
इस किले का बारे में लोग हमेशा सच्चाई जानना चाहते हैं, सबसे पहले हम आपको इस किले से संबंधित कहानी बताते हैं साथ ही ये भी बताते हैं कि इस किले का निर्माण कब, कैसे और किसने करवाया।
त्रेता युग में हुआ था किले का निर्माण
कहा जाता है कि इस किले निर्माण भगवान राम के युग में हुआ था। साथ ही अयोध्या के ही सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र और राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। बताया जाता है कि जब तक मुगल देश में नहीं आए थे तब तक इस किले पर हिन्दु राजों ने राज किया लेकिन जब मुगल आए तो इस किले पर उन्होंने अपना अधिकार जमा लिया। 16वीं सदी के दौरान मुगलों ने इस पर अपना अधिकार जमा लिया और अनेक वर्षों तक उन्होंने इस किले पर राज किया। इतिहासकारों की मानें तो, स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई (1857) के वक्त अमर सिंह ने यहीं से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का संचालन किया था।
दीवारों से टपकता है खून
कहा जाता है कि इस किले की दीवारों से खून टपकता है। इसके पीछे एक कहानी भी बताई जाती है। बताया जाता है कि करीब 200 साल पहले फ्रांसीसी इतिहासकार बुकानन ने रोहतास की यात्रा की थी। इस इतिहासकार ने अपने किताब में पत्थरों से निकलने वाले खून की चर्चा की थी। उन्होंने कहा था कि इस किले की दीवारों से खून निकलता है। दूसरी तरफ वहां के रहने वाले स्थानई लोगों ने भी इस बात को माना है। वहां के लोग तो यहां तक कहते हैं कि कुछ समय पहले तक तो यहां से रोने की आवाज आती थी।
हमारा बिहार टीम