Patna: अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद बिहार में NDA घटकों के संबंधों में आई खटास का RJD लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है। विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद आरजेडी को विपक्ष में बैठना पड़ रहा है।
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आरजेडी में शामिल हुए जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने बुधवार को एनडीए में तनाव का फायदा उठाने का प्रयास करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के 15 विधायक उनका साथ छोड़ कर आरजेडी में आने को तैयार हैं।
पिछले विधानसभा में जेडीयू के उपनेता रजक ने कहा कि मौजूदा गठबंधन में सभी को घुटन महसूस हो रही है जहां मुख्यमंत्री प्रभावशाली बीजेपी के समक्ष बेबस नजर आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जेडीयू विधायकों के पार्टी छोड़कर उनके पाले में आने की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है क्योंकि आरजेडी को आशा है कि अन्य विधायक भी उनके नक्शे कदम पर चलना चाहेंगे और संख्या पार्टी के विभाजन के लिए पर्याप्त हो जाएगी, जोकि दल-बदल कानून के तहत गलत नहीं होगा। जेडीयू के पास फिलहाल 43 विधायक हैं।
अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के सात में छह विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद आरजेडी नेताओं के ताजा बयानों में रजक ने यह दावा किया है। उधर, जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार को हुई बैठक में पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्य में गठबंधन की राजनीति की आत्मा का हनन करने को लेकर निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुखर प्रवक्ता केसी त्यागी ने हालांकि कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जो हुआ उसका असर बिहार पर नहीं होगा लेकिन जेडीयू इससे आहत जरूर हुआ है।
पिछले कुछ साल से आरजेडी से जुड़े लेकिन नीतीश कुमार के पुराने विश्वासपात्र रहे उदय नारायण चौधरी का कहना है, ‘नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का पद छोड़ देना चाहिए और एनडीए से बाहर हो जाना चाहिए। उन्हें तेजस्वी यादव को नई सरकार बनाने में मदद करना चाहिए। 2024 में आरजेडी उनके एहसान का बदला चुकाते हुए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका साथ देगा।
वहीं, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ‘एनडीए अस्थिर है और हमारे नेता निकट भविष्य में सरकार बनाएंगे। नीतीश कुमार के लिए यह उचित होगा कि इतिहास में सही पक्ष में रहें।’ इस बीच, बिहार में एनडीए ने आरजेडी खेमे में आए उत्साह पर आश्चर्य जताया और आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘सत्ता का भूखा’ है।
हमारा बिहार टीम