पटना: बिहार का इतिहास बहुत ही पूराना है इसलिए यहां भी एक से बढ़ कर एक पुराने किला हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ प्रमुख किलाओं के बारे में इसके इतिहास और भूगोल के बारे में बता रहे हैं।
रोहतासगढ़ किला
रोहतासगढ़ किला बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन किला है ऐसी मान्यता है कि इस किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। इस किले की परिधि 45 किमी तक फैली हुई है। इसमें कुल 83 दरवाजे हैं।
सासाराम किला
सासाराम शहर बिहार के रोहतास जिले में स्थित है और रोहतास जिले का मुख्यालय भी है। इसी जिले में शेर शाह सूरी द्वारा निर्मित एक किला भी स्थित है। जो बहुत ही पुराना है। इसके साथ ही यहां रोहतास दुर्ग भी है। कहा जाता है कि इस प्राचीन और मजबूत किले का निर्माण त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था।
पलामू किला
पलामू भारत के झारखंड राज्य के उत्तर पश्चिम में झारखंड और बिहार के सीमा पर स्थित है। यहां दो किले स्थित है, जो जर्जर स्थिति में है जिन्हें ‘पुराना किला’ और ‘नया किला’ कहा जाता है। ये दुर्ग चीरो राजवंश के राजाओं ने बनवाया था।
जलालगढ़ का किला
जलालगढ़ का किला बिहार राज्य के पूर्णिया जिला में जलालगढ़ में स्थित है। इस किले को मुग़ल कालीन मन जाता है लेकिन इसके निर्माणकर्ता के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
मुंगेर का किला
मुंगेर भारत के बिहार राज्य में स्थित एक शहर एवं जिला है। मुंगेर बंगाल के अंतिम नवाब मीरकासिम की राजधानी भी था। यहीं पर मीरकासिम ने गंगा नदी के किनारे एक भव्य किले का निर्माण कराया जो 1934 में आए भीषण भूकम्प से क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन इसका अवशेष अभी भी शेष है।
हथुआ किला
हथुआ किला बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित है। प्राचीन हथुआ राजवंश के भव्यता व वैभव के प्रतीक के रूप में विशाल हथुआ राज पैलेस आने-जाने वाले पर्यटकों को खूब लुभाता है। 495 कमरों वाला यह राज पैलेस हथुआ राज के वंशजों का वर्तमान पैतृक निवास स्थल है।
हमारा बिहार टीम