West Champaran: प. चंपारण के किसान शुगर फ्री धान की खेती में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और खेती कर रहे हैं। बगहा अनुमंडल क्षेत्र के रामनगर प्रखण्ड के सोहसा पंचायत के हरपुर गांव के किसान विजय गिरी के लगाए काला, लाल, हरा धान लहलहाने लगा उनके खेतों में।
आज नरकटियागंज के कृषी वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. सिंह ने किसान विजय गीरी को धान की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए मुआयना किया और कई निर्देश दिया। लगाए गए धान के प्रभेदों की कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज के वैज्ञानिक आर पी सिंह ने जांच भी किया।
इस क्रम में लाल, काला, हरा, मैजिक आदि नए धानों के बीजों के बारे में अपने सुझाव दिए। किसान को उसके पोषक तत्वों को बढ़ाने के विषय मे बताया साथ ही जैविक विधि से खेती के नवीनतम तरीकों के बारे में भी बताया।
वहां पहुंचे वैज्ञानिक ने किसान को गुणवत्ता युक्त खेती करने की सलाह दी। इस संदर्भ मे किसान विजय गीरी ने बताया की हम लाल चावल, हरा चावल और मैजिक चावल का उत्पादन कराते हैं। पहले हम एकेले यह खेती कर रहे थे। आज यह खेती आज आधा दर्जन से अधिक किसान कर रहे हैं।
यह पूरी तरह से जैविक खेती पर आधारित खेती है। जहा आज यूरीया के लिए चारो तरफ मारामारी हो रही है, वहीं इस खेती के लिए कोई फर्टिलाईजर की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया की यह चावल पूरी तरह से शुगर फ्री है।
शुगर वाले मरीजों के लिए यह वरदान है ऑन लाइन इसका सप्लाई हम कराते हैं, जो इस चावल का डिमांड करता है। उसे हम यहा से बीज देते हैं। साथ साथ जो किसान इसकी खेती करना चाहते हैं। उन्हे बीज भी मुहैया कराते हैं।
वहीं इस संबंध मे कृषी वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. सिंह ने बताया की हरपुर गाव के किसान विजय गीरी आठ से नौ रंगीन प्रजाति का धान की खेती कर रहे है। जिसमे हरे रंग की दो, लाल और काले रंग की कई पजाती का धान लगाए है। रंगीन प्रजाती होने के कारण इसका जो पिग्मेंट है, उससे इसका पोशक तत्व की मात्रा काफी बढ़ जाता है।
इसके चावल का सेवन करने से कैंसर सही अन्य घातक बीमारी से निजात पाया जा सकता है। क्योंकि इस चावल मे एंटीऔक्सीडेंट पाया जाता है। साथ ही इसमें कैल्सीयम, मैगनेशियम, आयरन, मैगनीज वीटामिन बी3 और बी 1 पाया जाता है। साथ-साथ इस तरह की खेती करने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
हमारा बिहार टीम