Patna: बिहार में अपराधियों के लगातार हौंसले बुलंद हैं। हालांकि, अपराध पर नकेल कसने में फेल सुशासन सरकार बेहद परेशान नजर आ रही है क्योंकि विपक्ष खत लिख कर नीतीश कुमार से जबाव मांग रहा है जबकि अपराध से जुड़े सवाल पर सीएम उखड़े-उखड़े नजर आ रहे हैं।
12 जनवरी को इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या के बाद अब नीतीश कुमार की सरकार बिहार में बैकफुट पर है। अपराध का सिलसिला थम नहीं रहा है। मधुबनी में मूक बधिर बच्ची से सामूहिक बलात्कार कर उसके आंख फोड़ दिए गए तो शनिवार को हाजीपुर में एक वकील की हत्या गोली मार कर दी गई। इधर, अपराध से जुड़े सवाल पर बिफर पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शुक्रवार को जब पत्रकारों ने सवाल किया तो गुस्से में लाल हुए थे।
मुख्यमंत्री इतना परेशान कि उन्होंने मौके से ही डीजीपी को फोन कर निर्देश देने शुरू कर दिए थे। रूपेश हत्याकांड और बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर अब विपक्ष लगातार हमलावर है। पटना में लालू यादव की पार्टी राजद ने पोस्टर लगाया, जिसके बाद सियासत गरम हो गई। एक दिन पहले अपराध से जुड़े सवाल पर भड़के मुख्यमंत्री को इस पोस्टर में दिखाया गया है और सुशील मोदी से फोन पर बात करते मखौल बनाया गया है।
इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध पर मुख्यमंत्री को खत लिखा है। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार crime capital of nation हो चुका है। मुख्यमंत्री बहुत थके हुए और बेबस दिख रहे हैं।मुख्यमंत्री का इकबाल खत्म हो गया है। सरकार में बैठे लोग अपराधियों को दे रहे हैं संरक्षण।मेरा इतना सा सवाल की बिहार में अपराध किन कारणों से हो रहा है और कौन कर रहा है।थके हुए मुख्यमंत्री से नही सम्भल रहा है बिहार। बढ़ते अपराध पर मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है,ई मेल किया है। अपराधमुक्त बिहार बनाने के लिए विपक्ष सहयोग को तैयार है। मुख्यमंत्री अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से नही भाग सकते हैं। अगर एक महीना में अपराध नियंत्रण नहीं हुआ तो हम अपने गठबंधन के साथियों के साथ दिल्ली जाकर राष्ट्रपति से मुलाकात कर बिहार की स्थिति बताएंगे।
वहीं, दूसरी ओर पुलिस भी परेशान नजर आ रही है। डीजीपी बैठक पर बैठक कर रहे हैं। परेशान पुलिस मुखिया विपक्ष को भी जबाव दे रहे हैं। इनकी मानें तो दो चार घटनाओं से आप अपराध का ग्राफ बढ़ा हुआ नहीं दिखा सकते। उनकी माने तो बिहार में अपराध कम हुआ है। उन्होंने ये भी कहा कि बहुत जल्द रूपेश हत्याकांड का भी उद्भेदन किया जाएगा। जांच सार्वजनिक नहीं की जा सकती है।
मुख्यमंत्री हों या डीजीपी शिकन सभी के माथे पर है और अब चुनौती अपराधियों पर लगाम लगाने की है।
हमारा बिहार टीम