पटना: जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होती है, वे बदलते मौसम में संक्रमण के शिकार जल्दी होते हैं। रात और दिन के तापमान में उतार-चढ़ाव के प्रति संतुलन बनाने में शरीर को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। जिन्हें पहले से ही एलर्जी की समस्या रहती है, उनके वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण की गिरफ्त में आने की आशंका बढ़ जाती है। खासकर महानगरों में इस मौसम में तापमान में कुछ कमी आते ही हवाओं में प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ने लगता है और यह फेफड़ों की सेहत पर भारी पड़ता है। ऐसे में सर्दी-जुकाम और दमा के पुराने मरीजों के लिए कुछबातें ध्यान रखना जरूरी है।
सर्दी-जुकाम से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों को इस मौसम में कार्बोहाइड्रेट यानी आलू, चावल, मिठाई, जंकफूड, केक आदि कम खाने चाहिए। अंकुरित अनाज व दालें आदि प्रोटीन वाली चीजों को आहार में शामिल करना चाहिए।
विटामिन-सी का समुचित सेवन सर्दी के समय की कई परेशानियों से बचाने में मदद करता है। विटामिन-सी का सबसे आसान स्रोत आंवला इस मौसम में आसानी से मिलने लगता है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। एक आंवला प्रतिदिन सेवन करने से रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। सर्दी-जुकाम तथा फेफड़े के कई अन्य रोगों से बचाव होता है। ताजे आंवले का 20-30 मिलीलीटर रस थोड़े शहद या गुनगुने पानी में मिलाकर सवेरे या रात में ले सकते हैं। आंवले को उबाल कर या चटनी बनाकर भोजन के साथ भी लिया जा सकता है।
ये उपाय भी करें
ताजा और गर्म भोजन करें।
डॉक्टर की सलाह से फ्लू का टीका लगवाएं।
हफ्ते में दो-तीन दिन नहाने से पहले पूरे शरीर में सरसों के तेल की मालिश करें।
सवेरे और रात को नाक में दो-दो बूंद देशी गाय का घी या षडबिंदु तेल डालें। इससे सर्दी-जुकाम के अलावा धूल-मिट्टी की एलर्जी, साइनुसाइटिस में लाभ मिलेगा।
तुलसी, अदरक की चाय दिन में दो-तीन बार पीना रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा करता है।
हमारा बिहार टीम