Bhojpur: देश के किसानों के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई किसान सम्मान निधि योजना बिहार में किसानों के लिये मजाक बनकर रह गया है। एक तरफ जहां खेतो में काम करने वाले किसान इस योजना के लाभ से वंचित है वही दूसरी तरफ सम्पन्न किसान इस योजना का लाभ ले रहे है। ये वैसे किसान है जो इनकम टैक्स भी देते है और गरीब किसानों के लिए शुरू की गई इस योजना का लाभ भी उठा रहे है। बिहार में यह बड़ा खुलासा हुआ है। प्रदेश के कृषि मंत्री के गृह जिले में खुलासे के बाद हड़कंप मचा है और ऐसे लोगों की सूची बनाकर उनसे वसूली शुरू की गई हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है। जो छोटे और सीमान्त किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर (4.9 एकड़) से कम भूमि है उनको आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत सभी किसानो को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6 हजार रूपया मिल रहा है। यह 1 दिसम्बर 2018 से लागू यह योजना किसानो के लिए वरदान साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत ₹ 6,000 प्रति वर्ष प्रत्येक पात्र किसान को तीन किश्तों में भुगतान किया जाता है और सहायता राशी सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है। जिसमे प्रत्येक 4 माह के बाद किसान को 2 हजार की सहायता राशी दी जा रही है।
योजना की शुरुआत वर्ष 2018 के रबी सीजन में की गई थी। उस समय सरकार ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये का अग्रिम बजटीय प्रावधान करा लिया था। बीते महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को इस योजना के तहत सातवी क़िस्त का भुगतान किया हैं। छोटे किसानों के लिए यह योजना अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुई है। बुवाई से ठीक पहले नगदी संकट से जूझने वाले किसानों को इस नगदी से बीज, खाद और अन्य इनपुट की उपलब्धता में सहूलियत मिल रही है।
इन छोटे किसानों में ज्यादातर सीमान्त हैं, जिनका खेती से पेट भरना मुश्किल है। लेकिन इस योजना के आने के बाद किसान इसका लाभ ले कर काफी खुश है। लेकिन अगर बिहार की बात करे तो 2019 में इस योजना के तहत 90 लाख किसानों को लाभ मिला लेकिन 2020 में यह संख्या बढ़ने की बजाए घटकर 80 लाख हो गया। इसके पीछे का जो कारण रहा वह चौकानेवाला रहा।
दरअसल केंद्र सरकार की एजेंसियों ने वैसे किसानों की शिनाख्त की है जिन्होंने सम्पन्न रहते हुए भी इस योजना का लाभ लिया है। एक ऐसा ही मामला बिहार के भोजपुर जिले में सामने आया है। इन दिनों बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह भी इसी जिले से हैं। इस जिले में यह योजना किसानों ले लिए तो मजाक बनकर रह गई है।
भोजपुर जिले के कुल 814 वैसे लोगों की पहचान की गई है जो सम्पन्न हैं। इनकम टैक्स भरते हैं लेकिन फिर भी योजना का लाभ गलत तरीके से लिया। ऐसे लोगों ने कुल 6867000 रुपये का लाभ लिया है। जिस समय इस योजना की शुरुआत हुई थी तो सरकार ने सभी के लिए इस योजना में लाभ लेने के लिए खज़ाना खोल दिया था। मगर कुछ शर्त सरकार ने रखी थी। शर्तों की जानकारी रहते हुए भी लोगों ने इसका नाजायज फायदा उठाया। इस खुलासे के बाद आनन फानन मे वैसे सभी लोगों को नोटिस जारी किया गया है।
मामले के खुलासे के बाद भोजपुर के जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने संबंधित कृषि विभाग को निर्देश दिया और भोजपुर जिला कृषि विभाग ने तुरंत करवाई शुरू की और 6 लोगों से 42000 रुपये रिकवरी भी कर लिया। वहीं जिलाधिकारी ने वैसे सभी लोगों से रिकवरी की करवाई शुरू करवा दी है, जिन्होंने इस योजना का गलत तरीके से लाभ लिया है। कृषि विभाग को इस बात की जैसे ही जानकारी मिली उसके होश उड़ गए और योजना से जुड़े संबंधित सभी कर्मियों को रिकवरी के लिए लगा दिया है। हालांकि अभी तक केवल 6 लोगों से 42000 रुपये ही रिकवर किये गए हैं जबकि इस गड़बड़ी में कुल 814 लोग हैं और 6867000 रुपये की रिकवरी करनी है।
एक तरफ तो इस योजना में हुआ घोटाला सामने आया है। वहीं दूसरी तरफ ग्राउंड जीरो पर जाकर जब न्यूज़ 24 ने किसानों से बात की तो पता चला कि जो किसान अपने खेतों में मेहनत करता है, वो इस योजना से आज भी वंचित है। जिले के मुख्यालय से सिर्फ 10 किलोमीटर दूर उदवंतनगर में कई ऐसे किसान मिले जिन्होंने बताया कि अभी तक उनके खातों में एक रुपया भी नहीं आया है। जबकि उनका रजिस्ट्रेशन भी हुआ था। ऐसे किसानों की भी बड़ी तादाद है। जब ये दफ्तरों में जाते है तो इन्हें कोई माकूल जवाब भी नहीं मिलता हैं।
खुलासे के बाद जिले बड़हरा से बीजेपी विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सरकार से इस योजना का गलत तरीके से लाभ लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
हमारा बिहार टीम