पटना: नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है पर जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार और उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर में मतभेद दिख रही है। जेडीयू में अलग-थलग पड़ चुके प्रशांत किशोर लगातार जेडीयू के इस ‘रुख’ का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर गुरुवार को पार्टी के स्टैंड के खिलाफ जाकर ट्वीट किया। माना जा रहा है कि जेडीयू इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है।
प्रशांत किशोर ने किया ये ट्वीट
अपने ताजा ट्वीट में प्रशांत किशोर ने लिखा ”हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि देने के लिए है। लेकिन हकीकत यह है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के साथ मिलकर यह बिल सरकार को सुनियोजित तरीके से लोगों को धर्म का आधार बनाकर विभेद करने और यहां तक कि सजा दिलाने में भी मददगार बनेगा।”
बता दें कि पीके ने दो दिनों पहले पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर एक ट्वीट किया था। इसपर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि प्रशांत किशोर को सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज करते हुए पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने अपने में ट्वीट में लिखा था कि नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने से पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए था, जिन्होंने 2015 में पार्टी पर भरोसा कर जिताया था। यह नहीं भूलना चाहिए कि 2015 की जीत के लिए पार्टी और इसके प्रबंधकों के पास किसी के साथ सौदा करने के लिए बहुत रास्ते नहीं बचे थे।
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