यह नजारा चीन का नहीं बल्कि बिहार के नालंदा जिला स्थित राजगीर का है, जहां पूर्वोतर भारत का पहला और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज बनकर तैयार है। जिसे नए साल में खोलने की तैयारी है। चीन की तर्ज पर तैयार ग्लास ब्रिज की तस्वीरे पर्यटकों को अभी से ही लुभा रही है।
यह गिलास ब्रिज निश्चित तौर पर बिहार में नेचर एडवेंचर को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही यहां जंगल सफारी और नेचर सफारी का भी निर्माण किया जा रहा है। जिस जगह यह ग्लास ब्रिज बनाया गया है, उसी रस्ते से भगवन बुद्ध बोधगया गए थे।
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल के रूप में बिहार के राजगीर की एक अलग पहचान है। देश विदेश के पर्यटक यहां आते हैं। लेकिन अब इन पर्यटकों को आकर्षित करेगा ग्लास ब्रिज। राजगीर स्थित ग्लास ब्रिज कुल 85 फिट लंबा और छह फीट चौड़ा है। वहीं, ब्रिज 250 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ब्रिज चीन के हेवेन्स प्रान्त के एस टेहांग में बने स्काई वॉक के तर्ज पर बनाया गया है।
यह बिहार का पहला और देश का दूसरा ग्लास ब्रिज है, जिस पर चलना हवा में तैरने के समान है। बड़े ही जोर शोर से इस ब्रिज को बनानने की तैयारी चल रही है। अगले साल मार्च महीने से इसे पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस ग्लास बिर्ज का निरिक्षण भी किया था। हालांकि अभी यहां कई काम होना बाकी हैं।
निरीक्षण के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि आने वाले समय में यह ब्रिज पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा। उन्होंने कहा, ” मैंने पहले जू सफारी की रूपरेखा तैयार की। उसके बाद मुझे महसूस हुआ कि यहां के प्रकृति के बारे में जानने के लिए नेचर सफारी का निर्माण होना चाहिए और मैंने फिर इस नेचर सफारी का निर्माण शुरू कराया।”
दरअसल, नीतीश कुमार ने जब मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी तभी से राजगीर में पर्यटन को बढ़ावा देने का उन्होंने ब्लू प्रिंट तैयार किया था और उसपर लगातार काम भी हो रहा है। राजगीर एतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के स्थलों का विकास के बाद अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर के साथ ही बिहार का पुलिस अकादमी सेंटर भी राजगीर में ही बनाया गया था। नीतीश कुमार के प्रयास से ही आयुध कारखाना भी राजगीर में बना था। लेकिन अब नीतीश कुमार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजगीर को एक नए पहचान देने की कोशिश में है और इसी के कारण यहां जंगल सफारी नेचर सफारी का निर्माण किया जा रहा है।
खुद सीएम नीतीश कुमार कहते है कि बच्चे और युवा नेचर सफारी में आकर नेचर के बारे में जान सकेंगे। साथ ही यह घने जंगलों में है, इसलिए सुरक्षा की भी समुचित व्यवस्था कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि मार्च तक या फिर थोड़ा उसके आगे पीछे पार्क बनकर तैयार हो जाएगा और फिर पर्यटक इसका आनंद उठा सकेंगे। नेचर सफारी के बगल में ही जू सफारी भी है। गौरतलब है कि जू सफारी और नेचर सफारी गया और नालन्दा जिले के जंगलों के बीच में है। इस कारण इस इलाके में हमेशा सुरक्षा के पुख्ता इंतेजाम रहेंगे।
हमारा बिहार टीम