बिहार की एक मिठाई बन गई है देश ही नहीं विदेशों में भी” खास” चाहे अमेरिका हो या स्वीडन वहां बसे भारतीयों को यह मिठाई इतनी अच्छी लग रही है कि अब यह विदेशो में भी जाने लगा है। अमेरिका में इस मिठाई की कीमत है 7500 रुपया प्रति किलो। यही नही पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेयी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक इस स्वादिष्ट मिठाई की मुरीद है। यह मिठाई है “खाजा”..जी हां यही नाम है इस स्वादिष्ट मिठाई का। अब इस मिठाई को न सिर्फ जीआई टैग मिल गया है बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिल चुकी है।
मिठाइयों का राजा “खाजा” सिर्फ मिठाई ही नही बल्कि बिहार की संस्कृति भी है। खाजा के बिना बिहार में कोई भी मांगलिक कार्य होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।जब भी नई नवेली दुल्हन दुल्हन ससुराल आती है अपने साथ सौगात के रूप में खाजा जरूर लाती है और बात जब “खाजा” की हो रही है तो राजगीर और नालंदा के बीच स्थित सिलाव की चर्चा न हो ऐसा हो नही सकता है।
सिलाव का खाजा सिर्फ देश मे ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।यही कारण है कि अब सिलाव के खाजे की बिक्री ऑनलाइन हो रही है। जिससे देश और विदेश के लोग भी घर बैठे “खाजा” का लुत्फ उठा रहे है। खाजा के लिए लोगों की दीवानगी का अंदाजा इसी से लगा सकते है कि सिलाव में 300 रुपये किलो बिकने वाला खाजा अमेरिका में 7500₹ किलो में भेजा जाता है और न सिर्फ अमेरिका बल्कि स्वीडन, इटली और इंग्लैंड में से भी ऑनलाइन खाजा के ऑर्डर आ रहे हैं।
खाजा के ऑनलाइन मार्केटिंग को आपको बताये उससे पहले आपको बताते है कि आखिर क्या खास ही इस मिठाई का। एक खाजा 52 परतो की होती है। दिखने में यह मिठाई पैटीज जैसी होती है।जो खाने में कुरकुरा होता है। इसे मीठा और नमकीन दोनों में बनाया जाता है। इसके लिए आटे, मैदा, चीनी तथा इलायची का प्रयोग किया जाता है। इसे रिफाइंड और शुद्ध घी में तैयार किया जाता है। सिलाव के खाजा को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में युवा व्यवसाई संजीव कुमार और उनके परिवार का बड़ा योगदान है।
संजीव का परिवार पिछले 200 वर्षों से सिलाव में खाजा व्यवसाय से जुड़ा हुआ है। वैसे तो यहां करीब 75 से ज्यादा खाजे की दुकान है लेकिन संजीव के परिवार से जुड़ा प्रतिष्ठान “श्री काली शाह ” की दुकान काफी प्रसिद्ध है। संजीव के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह को खाजा काफी पसंद है। बिहार में आने पर उनके लिए स्पेशली खाजा तो जाता ही है अभी जब भी वो पश्चिम बंगाल आते है, उनके लिए स्पेशली उनके यहाँ से खाजा बनकर जाता है। अभी भी जब अमित शाह बंगाल आये थे उनके लिए शुद्ध देशी घी में तैयार खाजा बनकर गया था।
संजीव के अनुसार जबसे उन्होंने अपने खाजे की ऑनलाइन मार्केटिंग शुरू की है तब से काफी डिमांड है।www.srikalisah.com पर जाकर ऑनलाइन खाजा मंगवाया जा सकता है। संजीव के अनुसार विदेशो में कोरियर चार्ज को मिलाकर एक किलो खाजे की कीमत 7500 रुपये पड़ती है। लेकिन फिर भी काफी ऑर्डर आता है। संजीव के अनुसार उनके द्वारा जो पैकिंग की जाती है उसमें दो महीने तक खाजा खराब नही होता है।
राजगीर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है जिस कारण देश विदेश के लोग वहां आते है और जो भी आते है। सिलाव का खाजा लेना नही भूलते। वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खाजा निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया था। साथ इस उद्योग को सरकार की क्लस्टर विकास योजना से भी जोड़ा था।नीतीश कुमार जब भी नालंदा आते ही सिलाव का खाजा खाना नहीं भूलते है।
संजीव के अनुसार सिलाव में खाजा बनाने की परंपरा दो सौ साल पुरानी है। काली शाह का परिवार भी यह सैकड़ो वर्षो से इस धंधे में जुड़ा है। काली शाह का खाजा मॉरीशस में हुए अंतरराष्ट्रीय मिठाई महोत्सव में पुरस्कार जीत चुका है। इसके अलावा दिल्ली पटना ,जयपुर और इलाहाबाद में लगी प्रदर्शनियों में खाजा को स्वादिष्ठ मिठाई का पुरस्कार मिल चुका है।
हमारा बिहार टीम